Income Tax Returns: Record Break ITR Files

Income Tax Returns: Record Break ITR Files

आयकर रिटर्न फाइलिंग में नया कीर्तिमान: वित्त वर्ष 2024-25 में 9.19 करोड़ से अधिक लोगों ने ITR फाइल किया।
आयकर विभाग के ई-पोर्टल पर उपलब्ध हालिया आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, 31 मार्च 2025 तक 9.19 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपना आयकर रिटर्न (ITR) फाइल किया है। इनमें से 8.64 करोड़ रिटर्न को सफलतापूर्वक ई-वेरिफाइड भी किया जा चुका है।

वित्त वर्ष २०२४-२०२५ में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ₹4.35 लाख करोड़ से अधिक की रिफंड किया है, जिस कारन बड़ी संख्या में करदाताओं को राहत मिलती दिखी है।

बीते वर्षों में टैक्स फाइलिंग में जबरदस्त उछाल
आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि पिछले तीन सालों में ITR दाखिल करने वालों की संख्या में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई है:
  • 2022-23 में कुल रिटर्न: 7.78 करोड़
  • 2023-24 में बढ़कर: 8.52 करोड़
  • 2024-25 में पहुँच गई: 9.19 करोड़

यह रुझान बताता है कि नागरिकों की टैक्स के प्रति जिम्मेदारी और भागीदारी दोनों में बढ़ोत्तरी हो रही है।

राज्यों के अनुसार ITR दाखिल करने का आंकड़ा
कुछ राज्यों में रिटर्न फाइलिंग की संख्या अन्य की तुलना में अधिक रही, जिनमें ये राज्य प्रमुख हैं:
  • महाराष्ट्र: 1.39 करोड़
  • उत्तर प्रदेश: 91.38 लाख
  • गुजरात: 88.58 लाख
  • राजस्थान: 59.77 लाख
  • तमिलनाडु: 57.27 लाख
  • कर्नाटक: 53.62 लाख
  • दिल्ली: 44.66 लाख
  • पंजाब: 44.26 लाख
आय वर्ग के अनुसार करदाताओं का वर्गीकरण
ITR भरने वालों को आय के आधार पर विभाजित करें तो:
  • ₹5 लाख से कम इनकम: 4.19 करोड़
  • ₹5 से ₹10 लाख इनकम: 3.4 करोड़
  • ₹10 से ₹50 लाख इनकम: 1.34 करोड़
उच्च आय वाले करदाताओं की संख्या भी उल्लेखनीय
वित्त वर्ष 2024-25 में ₹1 करोड़ से अधिक आय दिखाने वाले 3.24 लाख लोगों ने रिटर्न दाखिल किया। इनमें
  • ₹1 से ₹5 करोड़ की आय वाले: 2.97 लाख
  • ₹5 से ₹10 करोड़ की आय वाले: 16,797
  • ₹10 करोड़ से अधिक आय वाले: 10,184
आईटीआर फाइलिंग में वृद्धि के पीछे के कारण

वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि इस वृद्धि के पीछे कई कारक हैं। कुछ के अनुसार देश की बढ़ती आर्थिक स्थिति और आय स्तर में सुधार इसकी वजह हैं, जबकि अन्य इसे डिजिटलीकरण, ई-फाइलिंग सिस्टम की सरलता, और सरल प्रक्रियाओं से जोड़ते हैं।
आयकर रिटर्न दाखिल करने में हो रही तेज़ बढ़ोत्तरी इस बात का संकेत है कि भारत के नागरिक न केवल टैक्स के प्रति सजग हो रहे हैं, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को भी अपना रहे हैं। यह रुझान देश की वित्तीय पारदर्शिता, जवाबदेही और डिजिटल समावेशन की दिशा में सकारात्मक कदम है।

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