Zomato की ‘प्लेटफॉर्म फीस’ कैसे बन गई ₹600 करोड़ का बिज़नेस – एक छोटी सी फीस से इतनी बड़ी कमाई!

Zomato की ‘प्लेटफॉर्म फीस’ कैसे बन गई ₹600 करोड़ का बिज़नेस – एक छोटी सी फीस से इतनी बड़ी कमाई!

2023 में Deepinder Goyal के Zomato ने जब ₹2 की ‘प्लेटफॉर्म फीस’ शुरू की, तब वो सिर्फ एक छोटी-सी रकम लगी होगी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि ये छोटी-सी रकम कंपनी के लिए सालों बाद सैकड़ों करोडो रुपये की कमाई का जरिया बन जाएगी। शुरुआत में इस Fees को कुछ ग्राहकों ने नज़र अंदाज़ किया और कुछ ने नाखुशी जताई, लेकिन धीरे-धीरे ये चार्ज Zomato के बिज़नेस मॉडल का अहम हिस्सा बन गया।

₹2 से ₹10 का सफर

प्लेटफॉर्म फीस की Growth की टाइम लाइन

तारीखप्लेटफॉर्म फीस (₹)
अगस्त 2023₹2
अक्टूबर 2023₹3
जनवरी 2024₹4
अप्रैल 2024₹5
जुलाई 2024₹6
अक्टूबर 2024₹10

17 से 18 लाख ऑर्डर्स हर दिन – और सिर्फ फीस से करोड़ों की कमाई!

Zomato हर दिन भारत में लगभग 17 से 18 लाख ऑर्डर्स प्रोसेस करता है। अगर प्रति ऑर्डर ₹10 की प्लेटफॉर्म फीस ली जाए, तो इसका मतलब हुआ कि केवल इस एक चार्ज से Zomato हर दिन लगभग ₹1.7 से ₹1.8 करोड़ कमा रहा है।

अब सोचिए – महीने भर में यह कमाई करीब ₹50 से ₹55 करोड़ तक पहुंच जाती है, और साल भर की बात करें तो ₹600 करोड़ से भी ऊपर!

FY24 में बंपर कमाई की उम्मीद

2023-24 के फाइनेंशियल ईयर में Zomato ने करीब ₹80 करोड़ सिर्फ प्लेटफॉर्म फीस से कमाए थे। लेकिन इस बार, यानी 2024-25 में, अनुमान है कि यह कमाई सीधा 645 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है।
इसका कारण है –

  • ऑर्डर वॉल्यूम का बढ़ना
  • प्लेटफॉर्म फीस में बढ़ोतरी
  • और ग्राहकों की इस फीस को स्वीकार कर लेना

Zomato के लिए ये रेगुलर इनकम का एक बेहद स्टेबल और लो-कॉस्ट Source बन गया है। इसमें उन्हें न तो खाना बनाना है, न डिलीवरी करनी है (वो डिलीवरी पार्टनर्स करते हैं), न ही किचन चलानी है – सिर्फ प्लेटफॉर्म पर सुविधा देने की फीस।

ग्राहकों को फर्क महसूस नहीं होता – लेकिन असर गहरा है

₹10 सुनने में भले ही कम लगे, लेकिन जब लाखों ग्राहक हर दिन ये रकम दे रहे हों, तो आंकड़ा अरबों में पहुंचता है। खास बात ये है कि ज़्यादातर ग्राहकों को ये फीस छोटी लगती है और वो इसे बिना विरोध दिए चुका देते हैं।

लेकिन असल में Zomato के लिए यह एक “साइलेंट प्रॉफिट मशीन” है, जहां कोई सीधा सामान या सेवा नहीं दी जा रही, फिर भी कंपनी मोटा मुनाफा कमा रही है।

बिज़नेस मॉडल का नया चेहरा

Zomato की ये प्लानिंग दिखाती है कि कैसे Tech कंपनियां छोटी-छोटी फीस के ज़रिए बड़ी इनकम जेनरेट कर सकती हैं। Subscription Model,Platform Fees, एक्स्ट्रा डिलीवरी चार्ज ये सभी आधुनिक बिज़नेस की नई धारा बनते जा रहे हैं।

निष्कर्ष: छोटी रकम, बड़ा असर

Zomato की प्लेटफॉर्म फीस की कहानी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि बिज़नेस में “छोटी सोच” नहीं, “छोटे आइडिया की बड़ी स्केलिंग” मायने रखती है। ₹2 से ₹10 की ये जर्नी आज कंपनी को ₹600 करोड़ से ज़्यादा की कमाई दिला रही है – वो भी बिना कोई खाना बनाए या डिलीवरी करे।

Zomato का ये मॉडल बाकी कंपनियों के लिए भी एक नया रास्ता दिखाता है – कैसे छोटे-छोटे चार्ज से भी एक मजबूत और Consistant Revenue Stream तैयार की जा सकती है।

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